गौरा देवी चिपको आंदोलन की जन्मदात्री। गौरा देवी का जन्म 25 अक्टूबर 1925 को उत्तराखंड के चमोली जिले के लाता गांव हुआ था। जनवरी 1974 में रैंणी गांव के 2459 पेड़ों को चिन्हीत किया गया। 23 मार्च को रैंणी गांव में पेड़ों का कटान किये जाने के विरोध में गोपेश्वर में एक रैली का आयोजन हुआ। जिसमें गौरा देवी ने महिलाओं का नेतृत्व किया। यहीं से चिपको आन्दोलन की शुरुआत हुई थी। इस आन्दोलन की जननी श्रीमती गौरा देवी को माना जाता है।
गौरा देवी की इन उपलब्धियों के लिए कई सम्मानों से सम्मानित किया गया। गौरा देवी को 1986 में प्रथम वृक्ष मित्र पुरस्कार प्रदान किया गया था। जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी द्वारा प्रदान किया गया था। गौरा देवी जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन् ।।
गौरा देवी है चिपको आंदोलन की जन्मदात्री